36 घंटे के उपवास से करें शरीर की हर बीमारी दूर 36 ghante vrat fasting ke fayde

36 घंटे का उपवास क्यों करना चाहिए – vrat karne ke labh aur niyam

36 घंटे का उपवास या व्रत क्यों है जरूरी –  दोस्तों हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि आज हर कोई  मॉडर्न लाइफस्टाइल अपना रहा है जिसमें कि लोग जंक फूड फास्ट फूड  को ज्यादा खाते हैं एक्सरसाइज ना करके मोबाइल इंटरनेट पर पूरी रात  जाकर अपनी नींद भी खराब करते हैं ऐसे में  लोग अक्सर अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिसके चलते धीरे-धीरे कई क्रॉनिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थायरॉइड,  वजन का बहुत ज्यादा बढ़ जाना हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या,  मानसिक बीमारियां एंजायटी डिप्रैशन आदि  जैसी स्वास्थ्य समस्याएं अब आम हो गई हैं, और इनके इलाज के लिए महंगी दवाइयों और  जड़ी बूटियां का सहारा लिया जाता है।

36 घंटे व्रत उपवास करने के फायदे

 लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपके शरीर में ही एक ऐसा गुप्त शक्ति मौजूद है, जो इन बीमारियों से लड़ने में और उन्हें पूरी तरह से ठीक करने में सहायक हो सकता है? यहाँ हम 36 घंटे के उपवास के बारे में जानेंगे, जो हमारे शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 व्रत या उपवास करना प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अहम हिस्सा रहे हैं  और जो पहले के लोग थे वह हफ्ते में एक बार या दो बार उपवास करके लंबी आयु प्राप्त करते थे और ऐसे लोग हमेशा रोग मुक्त रहते थे उनका पाचन तंत्र मजबूत रहता था मानसिक रूप से वह स्वस्थ रहते थे तो उपवास के इतने सारे लाभ कैसे हो सकते हैं इस बारे में हम जानेंगे कि 36 घंटे उपवास क्यों करना चाहिए इसके लाभ क्या है और क्या बातें आपको ध्यान में रखनी चाहिए

 

36 घंटे का व्रत या उपवास करने का सबसे बड़ा फायदा क्या होता है? 

उपवास का एक प्रमुख लाभ ऑटोफैगी नामक प्रक्रिया का सक्रिय होना है, जो शरीर की स्वाभाविक सफाई और पुनर्निर्माण का एक तरीका है। ऑटोफैगी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर अपने भीतर की पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को तोड़ता है और उन्हें नई, स्वस्थ कोशिकाओं में परिवर्तित करता है। यह तब होता है जब शरीर को कुछ समय तक भोजन नहीं मिलता है। भोजन की अनुपस्थिति में, शरीर अपने ऊर्जा स्रोतों को ढूंढता है और पुरानी या बीमार कोशिकाओं का नाश करता है। इन कोशिकाओं को पुनर्नवीकरण कर नई, स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण किया जाता है, जो शरीर को रोगमुक्त और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

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36 घंटे के उपवास के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन

36 घंटे के उपवास के दौरान शरीर कई चरणों से गुजरता है, जिससे स्वास्थ्य पर विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। आइए, जानते हैं 36 घंटे के उपवास में हर चरण के दौरान शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं।

8 घंटे बाद:

लगभग 8 घंटे के उपवास के बाद, रक्त शर्करा के स्तर में कमी होने लगती है और शरीर धीरे-धीरे वसा को ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करना शुरू करता है। यह वसा जलने की प्रक्रिया को सक्रिय करता है और वजन घटने में मदद करता है।

12 घंटे बाद:

12 घंटे बाद, शरीर में किटोन नामक केमिकल्स बनने लगते हैं। ये केमिकल्स लीवर में बनते हैं और जब रक्त में ग्लूकोज की कमी होती है, तो यह ऊर्जा के स्रोत बनते हैं। इससे मस्तिष्क को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।

13 घंटे बाद:

13 घंटे बाद, शरीर में ग्रोथ हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो शरीर की आयु बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और चर्बी को जलाने में सहायक होता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 1300% तक बढ़ सकता है, जिससे संपूर्ण शारीरिक ताकत बढ़ती है।

17 घंटे बाद:

इस समय तक शरीर खुद की मरम्मत की प्रक्रिया को शुरू करता है, जिसमें क्षतिग्रस्त कोशिकाओं का नाश होता है। विषाक्त पदार्थों को निकालने से शरीर की आंतरिक प्रणाली स्वस्थ रहती है।

24 घंटे बाद:

24 घंटे के बाद, पाचन तंत्र का पुनर्निर्माण होता है, जिससे नई आंतों की कोशिकाओं का निर्माण होता है। इससे पाचन क्षमता में सुधार आता है और पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।

36 घंटे बाद:

36 घंटे के बाद, शरीर जिद्दी चर्बी को जलाना शुरू करता है, विशेषकर पेट के आस-पास की चर्बी को। इससे ऊर्जा मिलती है और मानसिक शांति और संतुलन में भी सुधार आता है।

72 घंटे बाद:

72 घंटे के उपवास के बाद, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण होता है और नई प्रतिरक्षा कोशिकाएं बनती हैं। इससे पुरानी और बीमार कोशिकाओं का नाश होता है और शरीर पहले से अधिक स्वस्थ और मजबूत बनता है।

36 घंटे का उपवास करने के फायदे  Benefits of 36 hours of fasting in Hindi

36 घंटे का उपवास शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारने में gajab के लाभ प्रदान करता है। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  • वजन घटाने में मदद: शरीर में जमा अतिरिक्त वसा ऊर्जा में बदलती है, जिससे वजन घटने में मदद मिलती है।
  • पाचन स्वास्थ्य में सुधार: 24 घंटे के बाद पाचन तंत्र का पुनर्निर्माण होता है, जिससे पाचन शक्ति में सुधार आता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना: नई प्रतिरक्षा कोशिकाओं का निर्माण बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है।
  • अवसाद और मानसिक तनाव में कमी: उपवास से मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और मूड में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
  • अल्जाइमर और कैंसर के जोखिम में कमी: ऑटोफैगी पुरानी और बीमार कोशिकाओं को हटाकर गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करती है।
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उपवास के बाद और दौरान खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

उपवास के बाद शरीर को सही पोषक तत्वों की जरूरत होती है ताकि उसे पुनः ऊर्जा मिल सके। यहाँ उपवास के बाद खाने के लिए 5 बेहतरीन खाद्य पदार्थ दिए गए हैं:

  1. एवोकाडो: इसमें स्वस्थ वसा होती है जो भूख को नियंत्रित करती है और संतुलित पोषण प्रदान करती है।
  2. कॉफी: कॉफी में मौजूद कैफीन से ऑटोफैगी को बढ़ावा मिलता है, लेकिन इसे संयमित मात्रा में लें।
  3. ग्रीन टी: ग्रीन टी में मस्तिष्क के लिए न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो ऑटोफैगी को भी बढ़ावा देते हैं।
  4. ऑलिव ऑयल: इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में क्षतिग्रस्त प्रोटीन को निकालने में सहायक होते हैं।
  5. हल्दी: हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन ऑटोफैगी को बढ़ाता है और शरीर को गहराई से डिटॉक्स करता है।

उपवास के पहले ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप उपवास करने का सोच रहे हैं, तो नीचे दिए गए कुछ सुझावों को ध्यान में रखें:

  • डॉक्टर से सलाह लें: अगर आप किसी रोग का इलाज ले रहे हैं, तो उपवास से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
  • हाइड्रेट रहें: उपवास के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में जल की कमी न हो।  अक्सर खाली पेट जब आप उपवास कर रहे होते हैं तो आपको पानी पीने का मन नहीं करता तो घुट घुट करके पूरा दिन पानी पीते रहना चाहिए आप नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं|
  • छोटे उपवास से शुरुआत करें: अगर आप नए हैं तो छोटे उपवास से शुरुआत करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।  सबसे पहले 8 घंटे 12 घंटे फिर 16 घंटे ऐसे ऐसे करके आपको उपवास या व्रत करना चाहिए एकदम से लंबा उपवास न करने की सलाह दी जाती है  शरीर को जैसे-जैसे आदत पड़ती जाएगी उपवास की तो आप उपवास का समय डॉक्टर से पूछ कर बढ़ा सकते हैं|
  • तेज गतिविधियों से बचें: उपवास के दौरान हल्के व्यायाम या स्ट्रेचिंग करें।  ध्यान योग मेडिटेशन करना उपवास के दौरान आपको शारीरिक मानसिक रूप से मजबूती देता है डिप्रैशन एंजायटी मानसिक तनाव की समस्या को कम करने में अहम भूमिका निभाता है इसलिए आपको भारी भरकम एक्सरसाइज ना करते हुए ध्यान योग का सहारा लेना चाहिए|

उपवास के बाद धीरे-धीरे भोजन की शुरुआत करें

उपवास के बाद भोजन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पाचन तंत्र फिर से सक्रिय हो जाता है। हल्के और पोषक खाद्य पदार्थों से शुरुआत करें:

  • फलों से शुरुआत करें:  उपवास करने के बाद आपका पाचन तंत्र कमजोर होता है ऐसे में आपको सबसे पहले फ्रूट या फ्रूट जूस का सेवन करना चाहिए सेब, पपीता, या केला जैसे फलों से शुरुआत करें जो पाचन तंत्र को धीरे-धीरे सक्रिय करते हैं।
  • सब्जियाँ: उबली हुई हरी सब्जियाँ जैसे पालक और गाजर पचाने में आसान होती हैं।  एक-दो दिन हल्का-फुल्का भोजन के साथ उबली हुई सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है
  • दलिया या खिचड़ी: यह हल्का और सुपाच्य होता है।  कुछ दिन उपवास खत्म करने के बाद आपको दलिया ही खाना चाहिए ऐसा करने से आपको पोषण भी मिलता है और आपका पाचन तंत्र भी सही रहता है|
  • दही: इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं।  दही से आपको दूसरे पोषक तत्व भी मिलते हैं तो दही खाना उपवास खत्म करने के बाद एक बहुत अच्छा सुझाव होगा|
  • नारियल पानी: यह प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और शरीर को पुनः ऊर्जावान बनाता है।  उपवास के कारण आई पानी की कमी को भी दूर करने में मदद करता है नारियल पानी इसके इलावा आपको सभी जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है|
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36 घंटे के उपवास के दीर्घकालिक लाभ

नियमित उपवास शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, पाचन को सुधारता है, मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि महीने में एक बार 36 घंटे का उपवास करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और मेटाबोलिज्म में सुधार होता है।

व्रत किसे नहीं करना चाहिए ?

 कुछ लोगों को व्रत न करने की सलाह दी जाती है खासकर वह लोग

 जो लंबे समय से बीमार चल रहे हैं क्या जिनकी लंबे समय से दवाइयां चल रही है

 डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को बिना डॉक्टर की सलाह के उपवास नहीं करना चाहिए और समय-समय पर उपवास के दौरान ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना चाहिए

 यदि आपको कोई शारीरिक समस्या है या पाचन से जुड़ी कोई समस्या है तो बिना डॉक्टर की सलाह के व्रत ना करें|

 प्रेग्नेंट और बच्चों को दूध पिलाने वाली माता को उपवास करने से परहेज रखना चाहिए|

उपवास के दौरान ध्यान रखने योग्य अंतिम सुझाव

 कुछ लोगों को व्रत या उपवास करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे

एकदम से उपवास का समय बढ़ाना नहीं चाहिए पहले छोटे-छोटे समय के लिए उपवास रखे जैसे 8 घंटे 12 घंटे का उपवास और जैसे-जैसे आपके शरीर को आदत पड़ती जाए तो आप समय को 36 घंटे तक बढ़ा सकते हैं व्रत करते समय संयम और धैर्य रखना बहुत जरूरी है हो सके तो किसी एक्सपर्ट की सलाह या मार्गदर्शन ले लेना चाहिए ताकि आपको शारीरिक या मानसिक रूप से किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो|

हफ्ते में 1 bar jarur kare upwas 

जैसा कि आप सबको पता चल चुका है कि 36 घंटे का व्रत या उपवास  करना बहुत फायदेमंद होता है और ऐसा करनाशरीर को गहराई से शुद्ध करने और लंबे समय तक स्वास्थ्य बनाए रखने में भी सहायक है। उपवास को अपनाने से न केवल आपकी ऊर्जा में वृद्धि होती है बल्कि यह  आपको मानसिक तौर पर भी बहुत अधिक लाभ देता है ऐसे में हो सके तो हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार आप 36 घंटे का उपवास जरूर रखें यह हमारे बड़े बुजुर्गों के द्वारा बताया गया शरीर को फिर से रिसेट करने का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है जिसे अपना कर आपआप अपने जीवन को स्वस्थ, ऊर्जावान और संतुलित बना सकते हैं।

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