नवरात्रि में अखंड दीपक जलाने का नियम और दीपक को सुरक्षित रखने के उपाय
अखंड दीपक जलाने की सबसे सरल विधि और नियम इन हिन्दी – नवरात्रि का पर्व आराधना और भक्ति का विशेष समय होता है, और इस दौरान अखंड दीपक जलाने का एक महत्वपूर्ण नियम है। अखंड दीपक नौ दिनों तक लगातार जलता रहता है, जो कि माँ दुर्गा की आराधना में हमारे साधना का साक्षी होता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि अखंड दीपक कैसे जलाएं, किस प्रकार से उसे सुरक्षित रखें और इसके कुछ प्रमुख नियम क्या हैं।
अखंड दीपक जलाने के नियम vidhi Rules of Akhand Diya or Deepak
- दीपक का चुनाव: पुराने समय में लोग मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल करते थे, लेकिन आज के समय में यह संभव नहीं है कि मिट्टी का दीपक लगातार नौ दिनों तक जल सके। इसलिए, आप पीतल का दीपक इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि अधिक सुरक्षित और टिकाऊ होता है।
- बाती और दीपक की सामग्री:
- दीपक के अंदर आप लंबी बाती का उपयोग करें, ताकि दीपक लंबे समय तक जल सके।
- दीपक में गाय का घी होना चाहिए, जो कि सबसे उत्तम माना जाता है। यदि गाय का घी उपलब्ध नहीं हो, तो आप तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, सरसों के तेल का उपयोग न करें।
- अखंड दीपक जलाने का कारण: अखंड दीपक साधना और उपासना का प्रतीक होता है। यह अग्नि देवता के रूप में हमारे साधना का साक्षी होता है, जो हमारी पूजा और आराधना को अधिक प्रभावी बनाता है। जब आप नौ दिनों तक अखंड दीपक जलाते हैं, तो यह माँ दुर्गा के प्रति आपकी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है।
- दीपक को सुरक्षित रखना:
- दीपक को सुरक्षित रखने के लिए, आप एक ढक्कन या कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि दीपक का लौ हवा के संपर्क में आने से बुझ न जाए।
- यदि दीपक की लौ धीमी हो जाती है, तो आप इसमें नया घी या तेल डाल सकते हैं।
- दीपक की बाती को समय-समय पर बदलना जरूरी होता है। इसके लिए आप दूसरी तैयार बाती को अखंड दीपक से जलाकर, पुरानी बाती को आसानी से बदल सकते हैं, ताकि आपका दीपक नौ दिनों तक बिना बुझे जलता रहे।
- दीपक की पूजा विधि:
- सबसे पहले दीपक को एक उचित स्थान पर स्थापित करें।
- दीपक के नीचे चावल या अन्य पूजन सामग्री रखकर उसे आसन दें।
- अब दीपक में घी या तेल डालें और लंबी बाती को स्थापित करें।
- दीपक को प्रज्वलित करने से पहले, हल्दी, कुमकुम और फूल चढ़ाकर अग्नि देवता का स्वागत करें।
- दीपक जलाने के बाद, अग्नि देवता से प्रार्थना करें कि वे आपकी साधना और उपासना के साक्षी बनें।
अखंड दिया बुझने पर क्या करें Akhand jyoti bhujne par kya kare
यदि कभी गलती से अखंड दीपक बुझ जाए, तो उसे उसी दीपक से पुनः प्रज्वलित करें। इसके लिए एक अतिरिक्त बाती को घी में डुबोकर दीपक के पास रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप इसे अखंड दीपक से जला सकें। इससे आपके अखंड दीपक की अखंडता बनी रहेगी और वह खंडित नहीं होगा।
अखंड जोत जलाने का महत्व akhand jyoti jalane se kya hota hai
अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है। यह दीपक न केवल आपके साधना का साक्षी होता है, बल्कि आपके घर और परिवार को भी माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद से भर देता है।
इस प्रकार, अखंड दीपक जलाने का नियम सरल है और इसे सही विधि से जलाने पर आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस नवरात्रि, अखंड दीपक जलाकर माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरें।
अखंड दीप जलाने के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें Akhand dipak jalane par kya karna chahiye
- दीपक को कभी भी अकेला न छोड़ें।
- इसे सुरक्षित स्थान पर रखें, जहाँ हवा का बहाव कम हो।
- समय-समय पर दीपक की स्थिति और लौ की तीव्रता की जाँच करें।
इस तरह, आप अखंड दीपक को सुरक्षित रख सकते हैं और नौ दिनों तक बिना किसी बाधा के जलते रहने का नियम पूरा कर सकते हैं। इस नवरात्रि में अपने घर में अखंड दीपक जलाएं और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।